मनन के लिए

कुदरत के नियम समझनेवाले

कभी छोटा लक्ष्य नहीं बनाते

मन में हो विश्‍वास

होगा प्रेम का निवास

तोही होेंगे हम कामयाब

हर दिन, हर क्षण

बिना अनुशासन के

कमाई हुई कामयाबी

इन्सान गवा ही देगा

यदि पहाडों को हिलाना चाहते हो

तोे पत्थरों को हिलाने का अभ्यास करो ।

इन्सान पहले आदतोें को बनाएगा

बाद में आदत इन्सान को बनाएगी ।

आजादी जिम्मेदारी से आती है

सही मार्ग पर चलना ही आजादी है।

हर काम पूजा बना तो

पूजा की जरूरत नहीं ।

जीवन की सारी सफलताएँ

एकाग्रता से ही आयेगी ।

हर चीज के लिए

तैयार होना ही, पाना है

जिसके पास समझ कम है

उसका शरीर दुखी होगा

मन निराश ही होगा

बुद्धि ही नहीं होगी

जो झुकना नहीं चाहता,

वह पा नहीं सकता

थकने से पहले आराम करो

सुस्ती से पहले काम करो

क्रोध की शुरुवात कैसी भी हो

अंत उसका पश्‍चात्ताप से ही होगा

यदि क्रोध-सिंहासन पर हो

तो वजीर भाग ही जायेगा

जहाँ जहाँ ध्यान जाएगा

वही अपना होगा

इसलिए दुसरों में गुण देख

बाहर का गुरु

अंदर का गुरु जगाएगा

अहंकार का अंगार

बुझाने के लिए...।

जो हम निश्‍चित करेंगे

वही निश्‍चिंत करेगा ।

वही खरीदें जो जरूरत है

चाहतवाली बात न हो ।

धक्कों का स्वागत ही

मजबूत बनाता है।

जभी ज्ञान का तेल

दुख को फेल करेगा

तभी मान्यताओं खेल

समझ में आएगा

खुद को जाँचते रहना ही जागना है

हर दर्द दुःख नहीं होता...

यदि सुख, सुख नहीं लगता

नहीं होना है दुखी... तो कोई

नहीं कर सकता दुखी

दोस्तीही दोस्ती बढाएगी

निरंतरता से ही सफलता आएगी

मनन ही कोयले को हिरा बना देगा

खुद की मौजुदगी ही

प्रेरणादायी खुशबू होगी

हानिवाला कर्म ही पाप है। (बेहोशी)

भला वाला हर कर्म ही पुण्य है। (होश)

दुवाऍं कभी अभिशाप नहीं हो सकती।

शक्ति शरीर में नही विचारों में रहती है।

यदि अहंकार की बीमारी हो

गुरु ही है डॉक्टर...

भक्ति होगी दवा...

और खबरदारी होगी परहेज।

पैसों से सुविधा

खरीद सकते हैं

सुविधा से सुस्ती।

ज्ञानी को हर भूल

कमल के फूल की याद देगा ।

दुनिया में रहते हुए...

अलग रहना, यही कला है।

सोना, सोना नहीं, खोना है

सोना, मौका नहीं, धोका है।

विध्वंस का प्रशिक्षण नहीं होता।

सच्चा लीडर बताएगा कम

दिखाएगा जादा ।

जितना बडा लक्ष्य, उतनी बडी शक्ति।

कम सुविधाओं में आनंद खोजना,

यही है विकास ।

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